Chapter-3 : Generations of Computer in Hindi – कम्प्यूटर की पीढ़ियां

Figure : Generations of Computer in Hindi

Generations of Computer in Hindi – कंप्यूटर की पीढियां

आज के समय मे Computer के विकास में बहुत तेजी से बदलाव आया । लेकिन अगर देखा जाये तो Computer का विकास 16 वीं शताब्दी से ही शुरू हो गया था। प्रत्येक generation के बाद, Computer  के आकार-प्रकार, कार्यप्रणाली और कार्यशीलता में बहुत ते़जी से सुधार हुआ है।

आज के समय मे कंप्यूटर काफी modern है। इस अवधि के दौरान, कंप्यूटर में काफी changes आए हैं। जिसने कंप्यूटरों की नई तरह की generation को जन्म दिया है और different types के computers का आविष्कार हुआ है। जिसको Generations of Computer के नाम से भी जाना जाता है।

  • प्रथम पीढ़ी के कंप्यूटर (1940 – 1956)
  • दितिय पीढ़ी के कंप्यूटर (1956 – 1963)
  • तीसरी पीढ़ी के कंप्यूटर (1964 – 1971)
  • चौथी पीढ़ी के कंप्यूटर (1971 – 1980)
  • पांचवीं पीढ़ी के कंप्यूटर (Present टाइम and Future)

First Generations of Computer (1940 – 1956) 

First Generations of Computer in Hindi : – प्रथम पीढ़ी के कंप्यूटर में वैक्यूम ट्यूब ( Vacuum Tube ) का प्रयोग किया गया था। Vacuum Tube एक नाजुक कांच का यंत्र था । इस पीढ़ी के कम्प्यूटर का साइज़ बहुत ही बड़ा होता था तथा अत्यधिक ऊष्मा उत्पन्न होने की वजह से इसको ठंडा रखने के लिए एयर कंडीशन -AC  का उपयोग किया जाता था|

इस पीढ़ी के कुछ कंप्यूटरों के नाम इस प्रकार हैं:- ENIAC, EDVAC, IBM-701, IBM-650, UNIVAC-1, UNIVAC-2, | प्रथम इलेक्ट्रॉनिक कंप्यूटर (Electronic Computer) का नाम , “ENIAC” (इलेक्ट्रौनिक न्यूमेरिकल इंटीग्रेटर एंड कंप्यूटर) था। इसका आविष्कार  J. Presper Eckert और  John William Mauchly ने Pennsylvania University में किया था।

इनकी computers की कार्य करने की गति बहुत धीमी होती थी तथा इनका मूल्य भी बहुत अधिक होता था| इस पीढ़ी के कंप्यूटर में  Operating System  का use नहीं किया जाता था जिसके कारण से बहुत से कार्य अपने आप ही करने पड़ते थे

ENIAC Computer लगभग 30 से 50 फीट लंबा था, जिसका weight  30 टन था, इस पीढ़ी के कंप्यूटर में information को स्टोर करने के लिए magnetic ड्रम और magnetic कोर का use किया जाता था।

Second Generations of Computer (1956 to 1963)

Second Generations of Computer in Hindi : – दितिय पीढ़ी के कंप्यूटर में Vacuum Tube की जगह “ट्रांजिस्टर” (Transistor)  का प्रयोग किया जाने लगा था|  जो वैक्यूम ट्यूब की अपेक्षा size में छोटे होते थे | इस पीढ़ी के कंप्यूटर का विकास  William Shockley ने 1947 में किया था। ये कंप्यूटर आकार में छोटे होने के साथ साथ , तेज और सस्ते भी  हो गए थे। 

यह कम ऊष्मा उत्पन्न करते थे लेकिन फिर भी इन को ठंडा रखने के लिए एयर कंडीशन- AC की जरूरत पड़ती थी|  इन कंप्यूटरों पर Programming करना संभव था इस पीढ़ी के कंप्यूटर का उपयोग मुख्य रूप से न्यूक्लियर पावर प्लांट में किया गया था।

इस पीढ़ी के कंप्यूटर में प्राइमरी मेमोरी की जगह मैग्नेटिक कोर  का इस्तेमाल किया जाता था  तथा सेकेंडरी मेमोरी की जगह  मैग्नेटिक टेप का use किया जाता था|  इस पीढ़ी के कम्प्यूटर में High Level Programming Language का  विकास हुआ  जैसे FOTRAN, COBOL और ALGOL |

Third Generations of Computer (1964 to 1971)

Third Generations of Computer in Hindi : – तीसरी पीढ़ी के अंतर्गत कंप्यूटरों में ट्रांजिस्टर के स्थान पर इंटीग्रेटेड सर्किट (integrated Circuit) का इस्तेमाल किया गया था।,  जिनको सिलिकॉन चिप भी कहा जाता हैं| इस पीढ़ी मे, IC  chip का आकार बहुत छोटा होता था तथा इसमें बहुत सारे ट्रांजिस्टर होते थे। और एक चिप मे सैकड़ों ट्रांजिस्टर होने के कारण इनमें अधिक कार्य करने की कार्यक्षमता  थी |

एक ही समय में इन कंप्यूटरों पर कई अलग-अलग कार्य किये जा सकते थे | आईसी चिप – IC  से बने कंप्यूटर आकार में छोटे तथा तीव्र गति वाले होते थे| आईसी (IC) का आविष्कार  Texas Instruments Company के एक इलेक्ट्रिकल इंजीनियर  Jack Kilby द्वारा 12 सितंबर 1958 में किया गया था।

इस पीढ़ी के मुख्य कंप्यूटर ICL 2903, ICL 1900, UNIVAC 1108 और System 1360 थे। इस पीढ़ी के कंप्यूटरों मे information को स्टोर करने के लिए स्टोरेज डिवाइस का भी विकास हुआ|  इसी पीढ़ी से multiprocessing और multiprogramming  का भी विकास possible हो गया था| 

इस पीढ़ी में Keyboard और Mouse का भी उपयोग होना start हो गया था इसके अतिरिक्त मॉनिटर का भी विकास हुआ और इनका उपयोग शुरु हो चुका था|  इसमें ऑपरेटिंग सिस्टम का भी विकास हुआ जिससे कंप्यूटर की कार्य करने की क्षमता काफी ते़ज हो गयी |

Fourth Generations of Computer (1971 to 1980)

Fourth Generations of Computer in Hindi :- चौथी पीढ़ी के कंप्यूटर मे माइक्रोप्रोसेसर – Microprocessor का प्रयोग किया जाने लगा था । आज के समय मे ये कंप्यूटर उपयोग मे लिये जाते हैं और आगे भी विकसित किए जा रहे हैं। इस पीढ़ी के Computer में LSI  और VLSI  तकनीकी का उपयोग किया जाने लगा |  

इस जनरेशन में माइक्रोप्रोसेसर चिप्स (Microprocessor Chips) का विकास किया गया जिस की कार्य करने की क्षमता बहुत अधिक होती है,  जिसमें हजारों लाखों ट्रांजिस्टर – transistor के बराबर कार्य करने की क्षमता होती है| Microprocessor  का आविष्कार 1971 में Marcian E Huff द्वारा किया गया था।

इस पीढ़ी के कंप्यूटर size में बहुत छोटे होते हैं जो एक normal मेज पर रखे जा सकते हैं| इनमें बिजली की खपत बहुत ही कम होती है तथा  इनको ठंडा रखने के लिए एयर कंडीशन – AC की आवश्यकता भी नहीं पड़ती| इनका मूल्य कम होने के कारण आम इंसान भी इसका उपयोग कर सकते हैं| इसी  पीढ़ी में DOS, MS-Window  जैसे ऑपरेटिंग सिस्टम का विकास हुआ जिसके कारण कंप्यूटर की कार्य क्षमता में कई गुना इजाफा हुआ| || Generations of Computer ||

इस पीढ़ी  मे माइक्रोप्रोसेसर की तकनीक का use होने के कारण इसको Large Scale Integrated Circuit का नाम दिया गया था। आज के समय मे दो सबसे बड़ी माइक्रोप्रोसेसर (microprocessor)  बनाने वाली कंपनिया Intel और AMD है।  MS DOS का इस्तेमाल सबसे पहले इसी पीढ़ी में हुआ था। और कुछ समय बाद ही  Microsoft Windows Operating System भी कंप्यूटरों में use होने लगा था। जिसकी कारण से  Multimedia, C Programming Language का विकास हुआ था।

Fifth Generations of Computer (1980- Present)

इस पीढ़ी के computer , Ultra Large Scale Integration तकनीक पर आधारित है जिस पर अभी भी research चल रही है इस Generation के कंप्यूटर में  आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस तकनीक – Artificial Intelligence पर ज़ोर दिया जा रहा है जिससे कंप्यूटर की काम करने की क्षमता और बेहतरीन  हो जाती है

इस पीढ़ी के कम्प्यूटर में खुद सोचने की क्षमता को पैदा करने की कोशिस की जा रही है। कम्प्यूटर को हर field में कार्य करने के योग्य बनाने की कोसिस की जा रही है। इसके अंतर्गत Graphical User Interface की help से इसे और अधिक आसन बनाया जा रहा है।

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