ROM क्या है तथा ROM के प्रकार
ROM क्या है :- ROM को कंप्यूटर की main मैमोरी के अंतर्गत रखा गया है जिसको हम Read Only Memory के नाम से भी जानते है | इस मेमोरी को Non-Volatile Memory भी कहते है क्योकि इस मेमोरी मे जो डेटा एक बार store कर दिया जाता है वह कम्प्यूटर को बंद करने पर भी erase नहीं होता, जबकि Ram मे वो डेटा erase हो जाता है
ROM मे कंपनी या manufacturer द्वारा वो Program स्टोर किये जाते है, जिनकी आवश्यकता हमे Computer या किसी अन्य डिवाइस को जैसे कि टेबलेट, मोबाइल आदि को ON करते समय पड़ती है। एक तरह से हम ये कह सकते है कि Rom मे डेटा हमेशा के लिये ( Permanently ) स्टोर हो जाता है ।
ROM को तीन भागो मे बाटा गया है |
- PROM – Programmable Read-Only Memory
- EPROM – Erasable and Programmable Read-Only Memory
- EEPROM – Electrically Erasable and Programmable Read-Only Memory
PROM – Programmable Read-Only Memory
इस मेमोरी को Programmable Read-Only Memory कहा जाता है। यह मेमोरी बिल्कुल Blank होती है क्योकि इस मेमोरी मे कंपनी द्वारा कोई भी प्रोग्राम अथवा डेटा को स्टोर नही किया जाता है। इस Memory के अंतर्गत छोटे- छोटे fuse लगे होते हैं, जिसमें हम प्रोग्रामिंग के द्वारा डेटा अथवा instructions को डाल सकते है। इस Memory मे एक बार प्रोग्राम डालने के बाद उसको delete नहीं किया जा सकता है। एक तरह से हम इसको One-Time Programmable Device भी कह सकते है। इस मेमोरी का प्रयोग Mobile, Video Game आदि में प्रयोग किया जाता है।
EPROM – Erasable and Programmable Read-Only Memory
इस Memory के अंतर्गत डेटा अथवा इन्फॉर्मेशन को Erase भी किया जा सकता है। तथा आवश्यकता पड़ने पर इस मेमोरी मे फिर से प्रोग्रम को डाला जा सकता है। Ultra Violet Light एक ऐसा तरीका है जिसके द्वारा यह Memory कुछ ही Minutes मे बिल्कुल खाली हो जाती है। इस तकनीक के अंतर्गत Instructions को delete करने के लिये 40 मिनट तक अल्ट्रावॉयलेट लाइट का प्रयोग किया जाता है। इस मेमोरी के अंतर्गत बिजली की खपत ज्यादा होती है
EPROM के लाभ निम्नलिखित है:-
- इस मेमोरी को दुबारा से प्रोग्राम किया जा सकता है.
- यह मेमोरी बहुत ही सस्ती है.
- पॉवर चले जाने पर भी इस मेमोरी में डेटा स्टोर रहता है.
- इस मेमोरी के अंतर्गत टेस्टिंग और डिबगिंग को आसानी से किया जा सकता है.
EEPROM – Electrically Erasable Programmable Read-Only Memory
समय के साथ-साथ जैसे जैसे टेक्नोलॉजी मे बद्लाव होता गया , तो टेक्नोलॉजी के हिसाब से मेमोरी मे भी बद्लाव करने की आवश्यकता होने लगी। इस मेमोरी की विशेषता यह है कि इसको 10,000 बार भी erase किया जा सकता है तथा इसमें प्रोग्राम को भी डाला जा सकता है। इस मेमोरी मे प्रोग्राम को erase करने के लिये केवल 10 मिलि-सैकिन्ड का समय लगता है।
कैश मेमोरी – Cache Memory
कैश मेमोरी कम्प्यूटर सिस्टम का महत्वपूर्ण भाग होती है जो हमारे कम्प्यूटर सिस्टम की प्रोसेसिंग स्पीड को बढ़ाती है। यह CPU को तीव्र गति से डेटा उपलब्ध कराती है तथा CPU द्वारा प्रोसेस किये गये डेटा को तेज़ गति से ग्रहण भी करती है जिसके कारण हमारे कंप्यूटर की कार्य करने की गति भी बढ़ जाती है|
यह मेमोरी size में बहुत छोटी होती है इसकी कार्य करने की गति main मेमोरी से भी ज्यादा तेज होती है, सीपीयू मे हम जिन प्रोग्राम को बार-बार खोलते है उन प्रोग्राम को यह मेमोरी अपने अंदर store करके रख लेती है, तथा CPU कोई सा भी डेटा प्रोसेस करने से पूर्व कैश मेमोरी को चैक कर लेता है की वह डेटा वहा मौजूद है या नही |
कैश मेमोरी को निम्न भागो में बाँटा गया है जैसे कि:-
- L1 cache
- L2 cache
- L3 cache
यह भी जाने : Secondary Memory क्या है तथा उनके प्रकार?
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